Friday, 11 March 2016

आजका आत्मा भोजन | (Moral & Spiritual standard)

आजका आत्मा भोजन
(Moral & Spiritual standard)
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"पुरुस और महिला के पोशाक पहिरावा"
✍ PK Gou Kips💤
व्यवस्थाविवरण २२:५
कोई स्त्री पुरूष का पहिरावा न पहिने, और न कोई पुरूष स्त्री का पहिरावा पहिने; क्योंकि ऐसे कामों के सब करने वाले तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं॥
Roman Scripts
(koi sree puroosh ka pahirava n paahine, aur n koi puroosh sree ka paahirava pahine kyonaki aeese kamon ke sab karanevale tere parameshvar yahova kee draashtti men gharaanait haain..)
# आखिर क्यों मूसा ने "महिला पुरुस का पोशाक पहिरावा सकते और पुरुस भी महिला का" पोशाक नहीं पहिरावा सकते ?
>> जब इस्वर ने मानुस को रचा तोह पुरुस और स्त्री को अलग प्रसिद्ध उनके स्वरुप से बनाया | इसलिए स्त्री का रूप और पुरुस का रूप अलग से रचा था | उनके सरीर के रूप भी नहीं मिलते, उनके सोच विचार भी नहीं मिलते, उनके रहें भी नहीं मिलता इसलिए उनके पोशाक पहिरावा भी नहीं मिलते | जो व्यक्ति इस्वर के अच्छी रूप को न अपनाते हुवे अपनी ही तरीके से पोशाक पहिरावा को अपने वाले लोग इस्वर के नजर में गुना है |
मूसा का ज़माने में अब्राहम के संतान लोग इस्रएल जाती के अलावा दूसरे अनिया जाती लोगो (जो मूर्ति पुजाग) की तरह पोशाक पहिरावा करने वाले खासकर के KUT के समय अपर | इन के सामान नहीं होेने केलिए मूसा ने इस नियम को दिया था |
तोह आजके जुग, कलिस्ये के ज़माने में जो मूसा का नियम स्त्री और पुरुस पोशाक पहिरावा न करने को हम आज भी अपना न चाहिए क्या?
मूसा ने जो नियम बनाया वह तत्काल में इस्रएल लोगो कलिये मन जा सकता है | किन्तु यह मूसा ने इस्रएल के पोशाक पहिरावा केलिए design नहीं किया, परमेस्वर ने आदि से design किये थे | हर जुग में अपना ने केलिए |
सलाह :
१. परमेस्वर ने जो बनाया उससे बरकार और कुछ भी नहीं | क्योंकि इंसान परमेस्वर से ज्ञानी कोई भी नहीं है | इसलिए स्त्री भी अपने पोशाक पहिरावा को अपना न चाहिए और पुरुस भी | स्त्री हो यह पुरुस जो परमेस्वर ने आपके पोशाक पहिरावा को बनाया उसे को अपनए | वही इस्वर का आशा है |
२. मूसा ने अपने लोगो को जो मूर्ति पुजब परमेस्वर को नहीं पूजने वाले लोगो से अलग होने और परमेस्वर की अछि रीती से पुजाग करने हेतु इस नियम को दिया था उसी प्रकार आज कल के विस्वासी युक्ति और युवक लोग भी दुनिए के पोशाक पहिरावा को न अपने और इस्वर के असह पर चलना ही हमारे कर्त्तव्य है |
३. इस्वर ने हमारे जरुरत के अनुसार हमें दिया और उससे जड़ा हमें नहीं खोजना चाहिए |
४. इंसान का STANDARD बदलत्ते है लेकिन प्रभु परमेस्वर की STANDARD कभी नहीं बदलते |
इस छोटी सी चित्र पड़ने वाले सभी बेहेन और भाइयो को इस्वर आसिष देवे.
धन्यवाद !

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